अरे रंगरेज रंग दे तू कन्हैया के नाम का इक चोला,
पहन जिसे आज मैं नाचू,
जिसे राधा ने पेहना जिसे कर्मा ने पेहना था,
पेहना जिसको नरसी ने,
मुझे भी आज रंग दे रे,
तू वैसा श्याम का इक चोला,
पहन जिसे आज मैं नाचू,
बजरियाँ बीच नाचे वो जिह्नों ने पहन कर देखा,
बन गये सारे दीवाने वो,
निहारे श्याम भी जिसको बना दे श्याम का एक चोला,
पहन जिसे आज मैं नाचू,
बड़े ही नाज से मैं भी पहन कर श्याम का चोला,
गुमु सारे ज़माने में तमना हर्ष की की भी है,
रंगीले श्याम का एक चोला,
पहन जिसे आज मैं नाचू,