श्याम धनी घर आना जी आके दर्श दिखाना जी,
बिगड़े सारे काज बनाके सोया बाग़ जगाना जी,
श्याम धनी घर आना जी आके दर्श दिखाना जी,
तीन बाण के धारी हो तुम जग के पालनहारी हो,
शीश का दान दिया महादानी जय जय कार तुम्हारी हो,
हारे के साथी अगर हो तो आके रिश्ता निभाना जी,
श्याम धनी घर आना जी आके दर्श दिखाना जी,
श्याम तुम्हारे स्वागत में घर फूलो से सजवाया है,
बंधन दरबार लगाया है इतर से घर महकाया है,
सवा मणि परशाद चढ़ाया आके भोग लगाना जी,
श्याम धनी घर आना जी आके दर्श दिखाना जी,
नीले चढ़ के खाटू वाले जब तुम सन्मुख आओ गये,
सेवक को चरणों में अपने सेवा करते पाओ गये ,
शमा राशिक कुंदन के सिर पे अपना हाथ फिरना जी,
श्याम धनी घर आना जी आके दर्श दिखाना जी,