ईशा करके आये भोले पूरी कर छपड़ पाड़ के
तेरी वेट में बैठे सब शिव शम्भू चिलम हम मार के
इक सुथरी सी बनो लागे जो चाले घुंगट डाल के,
मेरे मात पिता के पैर दबावे खेत में से आन के,
छोटी बढ़ाया की कदर करे हॉवे मुँह पे शर्म मेरी नार के,
तेरी वेट में बैठे सब शिव शम्भू चिलम हम मार के
सुन बोले तने हरियाणे में म्हारी बेल जाना पड़े गा,
महारे गांव का तिरलोकी तने गेड़ा लाना पड़े गा,
ऐसी भर के चिलम पिलाऊ कर दे लाक्जा थार के,
तेरी वेट में बैठे सब शिव शम्भू चिलम हम मार के
मिल जुल के सारे रहा करते वही टाइम फिर लया दे ने,
सोनू गौरव पूरियां का तू कहां पुगा दे ने,
भरदे कलम में रंग भक्ति का लिखू भजन तेरे प्यार के,
तेरी वेट में बैठे सब शिव शम्भू चिलम हम मार के