सांवरे क्यों मुझसे खफा हो गया
बता दे भला क्या गुनाह हो गया
भटक गया हूँ बाबा मंज़िल मेरी
इक बार फिरा दे सर पे मोरछड़ी
अँधेरा या जीवन घाना हो गया
बता दे भला क्या गुनाह हो गया
है तुमको कसम बाबा छोड़ो ना हाथ
कहाँ जाएंगे तुमने दिया जो ना साथ
बाबा राज अब तेरा हो गया
बता दे भला क्या गुनाह हो गया
सांवरे क्यों मुझसे ............