भोला मेरा तू ही पीर मेरा पैगंबर,
भंडारी त्रिपुरारी दया का तू समंदर,
भोला है मेरे अंदर मैं भोले का कलंधर,
चढ़ी शिव के नाम के मुझको खुमारी,
मैं तुझपे ही रमा हु शिव त्रिपुरारी,
मैं था भिखारी तूने बनाया सिकंदर त्रिपुरारी भंडारी दया का तू है समन्दर,
भोला है मेरे अंदर मैं भोले का कलंधर,
भस्म तेरी भोले तन पे लगा के,
शिव की जटा से निकली गंगा में नहा के,
झूम रहा मैं देखे है धरती ये अम्बर,त्रिपुरारी भंडारी दया का तू है समन्दर,
भोला है मेरे अंदर मैं भोले का कलंधर,
मन में बनाया शिव तेरा शिवाला,
तेरी भगति की मन जगती है मया,
मस्त मलंगी तेरा धुना मैं करता आडम्बर त्रिपुरारी भंडारी दया का तू है समन्दर,
भोला है मेरे अंदर मैं भोले का कलंधर,