रै गौरा भांग में घोटा लइये भोले का मौसम तू बनवइये
भोले मैं पीहर जारी हूं खूब नंदी से घुटवइये
ओ गौरा रानी क्या परेशानी म्हारे साथ में रहिये
छोड़ तनै मै पीहर जाऊं लौट कभी ना वापस आऊं
अकेला पहाड़ों में रहिये ..................
बिना बात के गौरा रानी क्यूं करती हो झगड़ा
बहुत घनी दुख पारी हूं मैं भांग में ला ला रगडा़
मेरे सै ब्याह कै संग में आई गौरा वापस मत जइये
छोड़ तनै मै पीहर जाऊं..........
बिना भांग कैसे जीऊं म्हारी दोनों की एक राशि
भांग तेरी बनगी रानी भोले मैं समझी तनै दासी
करो ना हांसी पिलाओ लासी पड़े ये सिल बट्टे ठइये
छोड़ तनै मै पीहर जाऊं............
ब्याह से पहले खुद कहवै थी खूब लगाऊं घोटा
मुझे नहीं मालूम था निकलेगा मेरा भाग यो खोटा
ना कर रहा तंग मैं मस्त मलंग अमित शर्मा सांची कहीं ये
छोड़ तनै मै पीहर जाऊं...........