केदार तेरी महिमा दासी ये क्या सुनाये,
पाषाण इस शिला में सबका नजर तू आये
केदार तेरी महिमा दासी ये क्या सुनाये,
है स्वर्ग का नजारा मंदिर ये तेरा प्यारा,
आया जो दुःख से हारा उसे तू गले लगाये,
केदार तेरी महिमा दासी ये क्या सुनाये,
द्वारे पे बैठे नंदी कोतवाल शरंगी भंगी
और भेरो बाबा बोले पेहरा तेरा बजाये ,
मनदोदनी की लेहरे जप्ती नमे शिवाये,
पाषाण इस शिला में सबका नजर तू आये
केदार तेरी महिमा दासी ये क्या सुनाये,
है रूप रुधर तेरा है क्रोध उगर तेरा,
तुझसे ही जन्मे प्राणी तुझको की अंत पाए
केदार तेरी महिमा कहतीं सभी दिशाए
पाषाण इस शिला में सबका नजर तू आये
केदार तेरी महिमा दासी ये क्या सुनाये,