हरि की माया न्यारी,
माया न्यारी है, लीया शरण तुम्हारी है,
यही अरदास हमारी है....
कैसी माया है देखो या हर की,
किसी के घर ना किसी के सरकी,
ऐश कोई कोठी में करता,किसी का पेट नहीं भरता,
कोई जोड़ जोड़ धरता कोई बन्या भिखारी है,
हरि की माया न्यारी है....
कोई धरमी है कोई रे कसाई,
कोई पंच बन्या अन्यायी,
भवादे बोदे के भंगा,
कोई बिन कपड़े नंगा किसी के बणी अटारी है,
हरि की माया न्यारी है....
कोई पंछी ने चुगा चुगाता,
कोई मार मार के खाता,
कोई करता सट्टा बाजी,
कोई है झगड़े में राजी,
दुनिया डोल रही बाजी माल का सब व्योपारी है,
हरि की माया न्यारी है....
भगवान भरोसा है तेरा,
करदे दिल का तु दूर अंधेरा,
टेरिया अमरसिंह पक्का,
मातिया जाने ना खाका,
लगादे घिसा के धक्का गुरु मेरा बनवारी है,
हरि की माया न्यारी है....