मेरे शंकरा किरपा करो भोले नाथ,
दर पे आया तेरे मैं आज,
मेरे शंकरा किरपा करो भोले नाथ,
तुझसे ही सूरज रोशन होता तुझसे समंदर में पानी,
मेरा सब कुछ तू है तू है सभी का कहते है ग्यानी ध्यानी,
सारी रिद्धियाँ तेरे कागज,
मेरे शंकरा किरपा करो भोले नाथ,
कौन है राजा कौन भिखारी दर पर तेरे सभी एका,
खाली दामन लौटा न कोई कौन है जिसने देखा,
देकर सब को सिर पर ताज,
मेरे शंकरा किरपा करो भोले नाथ,
कौन है मेरा इस दुनिया में तेरे सिवा कुछ न जानू,
नाम का कुंदन पल है मिटी क्या मिटी को सोना मानु,
रखना सलामत मेरी लाज,
मेरे शंकरा किरपा करो भोले नाथ,