हैं भक्त की पहचान ये दिलदार सांवरा

हैं भक्त की पहचान ये दिलदार सांवरा
कहता हूँ छाती ठोंक मेरा यार सांवरा
कहता हूँ सीना तान मेरा यार सांवरा
ये दिलदार सांवरा ये मेरा यार सांवरा

बन जाता है पिता जो कोई इनको बनाये
भाई बने तो चीयर ये साडी का बढ़ाये
बनकर के सेठ भक्तों की हुंडई चुकता है
का  रूप धर के ये हल भी चलता है
भक्तों की लाज रखता है हर बार सांवरा
कहता हूँ सीना तान मेरा यार सांवरा

मँझदार में इसने न किसी को भी छोड़ा है
ये लाज बचने को नंगे पाँव दौड़ा है
ये खीर चूरमा ना छप्पन भोग का भूखा
कोई प्रेम से खिलाये खाये रुखा हो सूखा
घर जाने को प्रेमी के बेकरार सांवरा
कहता हूँ छाती ठोंक मेरा यार सांवरा

सच्चे भगत को ढूंढती हैं इनकी निगाहें
फैलाये बैठा उनके लिए अपनी ये बाहें
नरसी ये पल में पढता है प्रेमी के मन की बात
तेरे भी बदल देगा मुश्किलों भरे हालात
ये जीत में बदल दे तेरी हार सांवरा
कहता हूँ सीना तान मेरा यार सांवरा
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