ओ मेरे कृष्णा,
ओ मेरे श्याम,
तेरा नाम पुकारू मैं,
इक इक पल,
तेरी बाट निहारु मैं,
इक इक पल,
कान्हा तू कहाँ,
ओं मेरे कृष्णा,
ओ मेरे श्याम।।
कैसे कहूं मन की व्यथा,
ना जाने कोउ मेरी दशा,
लगन थारी लागि पिया,
पिया हो म्हारा प्राण पिया,
मेरे श्याम तेरा नाम आठों याम,
श्याम पिया,
ओं मेरे कृष्णा,
ओ मेरे श्याम।।
आजा गिरधारी पिया,
ना तोरे बिना लागे जिया,
दर्श बिन चैन कहाँ,
सांवरे सांवरिया,
मेरे श्याम तेरा नाम आठों याम,
श्याम पिया,
ओं मेरे कृष्णा,
ओ मेरे श्याम।।
रसिक रसराज हो तुम,
ब्रज के गिरिराज हो तुम,
भगत की लाज हो तुम,
भगत की लाज हो तुम,
‘सूर’ के श्याम हो तुम,
मेरे श्याम तेरा नाम आठों याम,
श्याम पिया,
ओं मेरे कृष्णा,
ओ मेरे श्याम।।
ओ मेरे कृष्णा,
ओ मेरे श्याम,
तेरा नाम पुकारू मैं,
इक इक पल,
तेरी बाट निहारु मैं,
इक इक पल,
कान्हा तू कहाँ,
ओं मेरे कृष्णा,
ओ मेरे श्याम.............