रिश्ता मैं जोड़ आई राधे और श्याम से,
लड्डू गोपाल लाई वृन्दावन धाम से,
इस दुनिया से मैंने यूँ ही झूठी प्रीत लगाई (मिला ना मुझको भाई,)-2
लड्डू लाल को बना लिया है मैंने अपना भाई,
मैं भी चलूँगी उसकी ऊँगली को थाम के,
लड्डू गोपाल लाई वृन्दावन धाम से,
बांके बिहारी की भी ऐसी (झांकी अज़ब निराली)-2,
मोटी मोटी आंखे उनकी बिन काजल की काली,
अमृत की बूँदें छलकें अखियों के जाम से,
लड्डू गोपाल लाइ वृन्दावन धाम से,
सज धज कर जब श्याम सलोना (मुरली मधुर बजाये)-2,
चाँद सितारे तुझे निहारें “पाल” तेरे गुण गाये,
चलती है अपनी नैया इनके ही नाम से,
लड्डू गोपाल लाइ वृन्दावन धाम से,