तेरे लाला ने माटी खाई यशोदा सुन माई,
तेरे छोना ने तेरे ढोटा ने तेरे लाला ने माटी खाई यशोदा सुन माई,
अद्भुत खेल सखन संग खेलो,
छोटो सो माटी को ढेलो,
तुरत श्याम ने मुख में लेलो,
याने गटक गटक गटकाई यशोदा सुन माई,
क्यों लाला तेने खाई माटी,
माखन को कबहुँ न नाटी,
यशोदा ले समझावे सांटी,
याने नेक दया नही आई यशोदा सुन माई........
मुख के माँही आंगुली मेली,
निकल पडी माटी की ढेली,
भीर भई गवालन की भेली,
देखे लोग लुगाई यशोदा सुन माई.......