ऐसी लगन लगा दे बाबा मैं तेरा बन जाऊ,
इस दुनिया को भूल के बाबा मैं तेरे गुण गाउ,
ये दुनिया तो है मतलब की स्वार्थ के सब नाते,
मुख पर हसी सजा कर मिलते पीछे हसी उड़ाते,
ऐसे तो तरहानी सांसे मैं अगर बच जाऊ,
मैं तेरा बन जाऊ,
कौन है अपना कौन पराया आज समज नहीं आये ,
जिसको हम अपना कहते है वो ही गाव लगाए,
इस पीड़ा से मुझे बचालो यही अर्ज लगाओ,
मैं तेरा बन जाऊ,
दास रवि ये कहता मुझको अपनी शरण में लेलो,
भटक रहा हु इस जीवन में चरणों में अपने रखलो,
इतनी किरपा तुम कर तो मैं भव से तर जाऊ,
मैं तेरा बन जाऊ,