मनमोहन मुरली वाले तुम को आना चाहिए,
भक्तो को न और सताना चाहिए,
हम कब से खड़े है पुकार रहे,
के चाहे मन में तेरा ही प्यार रहे
सेवा तेरे बिन में ना आये कोई,
तू आये तो जागे किस्मत सोइ,
सदियों से सोइ किस्मत को जगाना चाहिए,
भक्तो को न और सताना चाहिए,
बहुत हो चूका अब न लो इंतहा,
सुनो मेरी विनती तुम आकर याहा,
ना काबिल तेरे दर पे आने का मैं,
दीवाना तेरे दर्श पाने का मैं,
भक्तो के गुनाहो को भुलाना चाहिए ,
भक्तो को न और सताना चाहिए,
तेरा रूप प्यारा हमे भा गया,
मेरे नैनो को ऐसा नजर आ गया,
नजर बंद करके नजर में तुम्हे,
बचाएंगे जग की नजर से तुम्हे,
इन नैनो में ही तुम को बस जाना चाहिए,
भक्तो को न और सताना चाहिए,