के श्याम तू कितना वंडरफुल है, ओर रूप तेरा पावरफुल है,
आज तेरा दरबार हाऊसफुल हे, क्योंकि तू पावरफुल हे,
तुम तो श्याम निर्मोही, साथ क्या निभाओगे,
गोपियों और ग्वाला को, छोड़ चले जाओगे,
कान्हा जब अकेले में, मेरी याद आएगी,
तुम तो वहां तड़पोगे, हमें भी रुलाओगे,
तेरे लिए जीती हूं, दिल से न भुला देना,
वृंदावन सूना क, मथुरा को बसाओगे,
बांसुरी की धुन तेरी, गोपियों का जीवन है,
ग्वाल बाल रोते हैं, गईया कब चराओगे,
हे कसम तुम्हें कान्हा, दिल से ना भुला देना,
अंबर साक्षी हे, शीघ्र लौट आओगे,
लेखक सुनील यादव
ग्राम पिपलिया जाहिर पीर
मोबाइल नंबर 7440340861