मेरे श्याम के चेहरे पे ऐसा नूर है,
दर्शन करने को ये दिल मजबूर है......
चिट्टा चोला पहन के जब वो सामने आते हैं,
फूलों वाले हार पहन कर जब भी वो मुस्काते है,
रुक जाती है धड़कन अब प्रभु स्वास नहीं आते हैं,
दुनिया की फिर कोई चीज भी रास नहीं आती है,
उनकी नजरों में ऐसा सरूर है,
दर्शन करने को ये दिल मजबूर है,
मेरे श्याम के चेहरे पे ऐसा नूर है,
दर्शन करने को ये दिल मजबूर है......
चरणदासिया पहन के श्याम जब श्री कदम बढ़ाते हैं,
उनके चरणों में फिर हम ये अपना शीश झुकाते हैं,
खिल जाती है कलियां और फूल भी मुस्काते हैं,
जब आकर सुंदर अपनी वो छवि दिखाते हैं,
हाल ये दिल का कहना जरूर है,
दर्शन करने को ये दिल मजबूर है,
मेरे श्याम के चेहरे पे ऐसा नूर है,
दर्शन करने को ये दिल मजबूर है......
जब कान्हा अपने प्यारे भगतो के घर आते है,
इनके आने पर हम तो दीपक जलाते हैं,
भगतो के चेहरे भी फिर खिल खिल जाते हैं,
जब आकर सुंदर अपनी वह छवि दिखाते हैं,
आप ही वह हाजिर हजूर है,
दर्शन करने को ये दिल मजबूर है,
मेरे श्याम के चेहरे पे ऐसा नूर है,
दर्शन करने को ये दिल मजबूर है......