मन मोहन मुझे बना ले अपनी बांसुरियां,
रहना है तेरे हाथ में ओ सांवरियां,
मेरी दीवानी तेरी सखियाँ रहे गी,
मीठी बड़ी है तेरी मुरली कहेगी,
मेरे सुरो की यहाँ गंगा व्हे गी राधा कुमारी वही पे रहेगी,
मेरी धुन पे राधा रास करे गी होक वनवारियाँ,
मन मोहन मुझे बना ले अपनी बांसुरियां,
रहना है तेरे हाथ में ओ सांवरियां,
अधरों पे तेरे ठिकाना मिले गा छूने का तुझको बहाना मिलेगा,
मिल जाएगा प्यार तेरा ओ प्यारे तो फिर बता मुझको क्या न मिलेगा,
मिल जायेगी कान्हा तेरे धाम की डगरियाँ
मन मोहन मुझे बना ले अपनी बांसुरियां,
रहना है तेरे हाथ में ओ सांवरियां,
संध्या तेरे संग तेरे संग सवेरे,
मुझपे चढ़े गे सँवारे रंग तेरे ,
पारस तेरे हाथ है ओ कन्हियाँ सोने के हो जायेगे अंग मेरे,
तुक तुक देख रही है तोहे मेरी नजरियां,
मन मोहन मुझे बना ले अपनी बांसुरियां,
रहना है तेरे हाथ में ओ सांवरियां,