जी लूँगा मैं संसार के बिना,
कैसे जीउ गा माँ तेरे प्यार के बिना ,
जी लूँगा मैं संसार के बिना,
होश संभाला जबसे मैं तेरा नाम पुकारूँ
रोज़ सुब्हा उठकर पहले तेरी तस्वीर निहारूं,
रहु कैसे तेरे दीदार के बिना,
जी लूँगा मैं संसार के बिना,
भोला हूँ पर इतना भी नादन नहीं हूँ मियां
मुझे पता है बिन पानी के चलती मेरी नाइयाँ,
नैया चले न खेवन हार के बिना
जी लूंगा मैं संसार की बिना ..
गिरने से पहले मेरे हाथों को तुमने थमा
इज़्ज़त की नज़रों से सोनू देखे मुझको ज़माना
होता ना ये तेरे उपकार के बिना
जी लूंगा मैं संसार की बिना .......