संकट हरनी मंगल करनी करियो बेडा पार भरोसो भारी है,
भारी है माँ भारी है था पे भरोसा भारी है,
जय जगदम्बे झुँझन वाली दुर्गा की अवतार भरोसो भारी है,
संकट हरनी मंगल करनी करियो बेडा पार भरोसो भारी है,
लक्ष्मी शारदा काली तू अरि मर्दन वाली तू,
भगता की प्रतिपाली तू दादी झुँझन वाली तू,
कर रक्शा अपने भगता की होके सिंह सवार,भरोसो भारी है,
संकट हरनी मंगल करनी करियो बेडा पार भरोसो भारी है,
बीच भवर में नाव पड़ी था बिन दादी कौन धरी
सेवा पूजा ना ये करि करनी पड़ सी मेहर घणी,
छोड़ थाने अब जाओ कठे कहा दिखे न दूजो द्वार भरोसो भारी है,
संकट हरनी मंगल करनी करियो बेडा पार भरोसो भारी है,
भव सागर को पार नहीं नैया में पतवार नहीं,
सुन ले करूँ पुकार मेरी तेरे बिन आधार नहीं,
दया मेहर की कर महारानी इक बार पलक उबार,भरोसो भारी है,
संकट हरनी मंगल करनी करियो बेडा पार भरोसो भारी है,