जय दादी सती माता दादी सती आरती आंवल धाम

दादीसती आरती आंवल धाम

जय दादी सती माता.. जय दादी सती माता
आंवल की महाराणी, सब सुख की दाता.. जय

ज्योत अखंडित तेरी, दिव्य प्रकाश करे
रोग शोक भय विपदा, पल में नाश करे.. जय

लाल चुनड़ीयाँ सोहे, मेहंदी हाथ रचे
चूड़ो बोरलो नथली, छत्तर भेंट चढ़े.. जय

भादीमावस तेरे दरपे, मेळा जोर भरे
दादी सती सलौना, सबकी आस पुरे.. जय

नारियल खीर चुरमा, पुड़ा भोग चढ़े
सेवक-जन मैंया की, जय जयकार करे.. जय

गर्ग गोत्र का मैंया, तू उद्धार करी
गावलिए कहलाये, तुमने कृपा करी.. जय

भाव भग्ती श्रद्धा से, जो तेरे दर आता
भाग्य उदय हो जाता, मनवांछितफल पाता..

तेज त्रिशूल में ऐसा, ज्यूं सूरज चमके
अटल सिंहासन बैठी, महाराणी सजके.. जय

सिंह सवारिणी मैंया, भग्तोंके घर आती
भूल चूक भग्तों की, अम्बरीष बिसराती.. जय

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