सिंह सवारी आ भगता मिल ज्योत जगाई

सिंह सवारी आ भगता मिल ज्योत जगाई,
भगता मिल ज्योत जगाई चंग मजीरा भाजे आंगने,

चम चम चम कातो मुखडो काना में कुण्डल हो,
हिवड़ो हरषायो महारो भला पधराया हो,
बिंदिया चमके माथा में चुद लोखन के हाथ में,
अमृत बरसे माहरे आंगने,
सिंह सवारी आ भगता मिल ज्योत जगाई

गंगा जल जारी थारा चरण पखारा,
उचे सिंगासन बैठो आरती उतरा ,
महंगी लगवा थारे चुनड़ी चढ़ावा थारे,
फुलड़ा बरसे छे माहरे आंगने,
सिंह सवारी आ भगता मिल ज्योत जगाई

जो थाने भावे मियां भोग लगावा,
रुच रुच जीवो दादी परदो लगावा,
भजन सुनवा थाने गाके रिजावा थाने,
कीर्तन में देखा थाने आंगने,
सिंह सवारी आ भगता मिल ज्योत जगाई

लगन निवाजो दादी प्रेम बड़ा जो,
या महारी मिल्खा युनि सफल बना जो,
मोती चरना को चाकर नंदू रिजावे गा कर,
भल भल पधारया माहरे आंगने,
सिंह सवारी आ भगता मिल ज्योत जगाई
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