मैया तेरा द्वार बड़ा प्यारा,
झुके है जग सारा आके याहा रे,
ममता का ये तेरा मंदिर रहता यहाँ हर दिन मेला लगा रे,
आके तुम्हारे द्वार भवानी सब चिंता मिट जाती ,
श्रधा सुमन के फूल चड़ाए जो भी दर पे ठानी ,
ममता भावना की भूखी रहे न कोई दुखी आके यहाँ रे,
ममता का ये तेरा मंदिर रहता यहाँ हर दिन मेला लगा रे,
भूखे की माँ भूख मिटाए प्यासे को दे पानी,
सर्व सुखो की खान भवानी सब सुखियंन के दानी,
बिन मांगे मिले मोती मनशा पूरी होती आके याहा रे,
ममता का ये तेरा मंदिर रहता यहाँ हर दिन मेला लगा रे,
वैष्णो काली रूप तुम्हारे लक्ष्मी भरे भंडारे,
चिन्तपुरनी चिंता हरती ज्वाला करे उजियारे,
माँ संतोषी तेरा सुमिरन करे गोरी शंकर आके याह रे,
ममता का ये तेरा मंदिर रहता यहाँ हर दिन मेला लगा रे,