चिट्ठी आती है ना तार आता है
फिर खाटू दर्शन को संसार जाता है
वो खाटू में बैठा बैठा कैसा जादू चलाता है
हमें हर ग्यारस की ग्यारस वो खाटू खींच लाता है
ईमेल आता है ना कॉल आता है
फिर खाटू दर्शन को संसार जाता है
वो जो भी खाटू में जाकर एक निशान चढ़ाते हैं
वो मेरी श्याम की कृपा से हर पल मौज उड़ाते है
फेसबुक में है ना व्हाट्सप्प में खाता है
फिर खाटू दर्शन को संसार जाता है
कहे संजय बुलाये बिन तेरे हम खाटू जाते हैं
ज़रा सोचो तेरे प्रेमी तुझे कितना बुलाते हैं
तुझे बुलाने प्रेमी तेरे दर पर जाता है
फिर भी भक्तों की कुटिया में क्यों नहीं आता है
चिट्ठी आती है ना तार आता है
फिर खाटू दर्शन को संसार जाता है