मनड़ो झूम उठो फागुन में चालो सांवरियो के द्वार,
होली के मिस श्याम धनि से करतया बात चार,
मनड़ो झूम उठो फागुन में.......
महारी पहली बात संवारा दया बनाये राखो जी,
थारी दया बिन सुनो सुनो लागे यो संसार,
मनड़ो झूम उठो फागुन में.
बात दूसरी रंग जावा मैं थारे रंग में सांवरिया,
थे चाहो तो सब कुछ होजा करो श्याम संविकार,
मनड़ो झूम उठो फागुन में...........
सदा राख चरना के माहि आती जी अरदास मेरी,
तेरी सेवा करता करता हो जा जीवन पार,
मनड़ो झूम उठो फागुन में.................
मात दश्त की चौथी बतिया श्याम सूंदर घर ध्यान सुनो,
पग पग माहरी रक्शा करियो ओ लीले असवार ,
मनड़ो झूम उठो फागुन में........