श्याम सुमिरन

( चला जायेगा आया था जैसे,
रह जायेगी दौलत पड़ी,
श्याम भज ले घड़ी दो घड़ी। )

श्याम कीर्तन की महिमा बड़ी,
श्याम भज ले घड़ी दो घड़ी,
चला जायेगा आया था जैसे,
रह जायेगा दौलत पड़ी,
श्याम भज ले घड़ी दो घड़ी.....

मौत आयेगी इक दिन सभी को,
छोड़ कर जाना होगा जमाना,
बरसो की तू क्यूँ सोचता,
इक पल का नही है ठिकाना,
सुन ले तू बाँवरे,
मौत दर पे है तेरे खड़ी
श्याम भज ले घड़ी दो घड़ी.....

प्रेम भावो का भूखा साँवरिया,
धन्ना के डांगर भी चराये,
बेसहारो बनके सहारा,
द्रोपदी की ये लाज बचाये,
सुनले तू बाँवरे,
करमा की खायी खिचड़ी,
श्याम भज ले घड़ी दो घड़ी....

जो हुये है दीवाने प्रभु के,
मीरा नरसी हो या हो सुदामा,
जब आयी मुसीबत की लहरें,
कन्हैया ने है उनको थामा,
'राजू'के मन की जुड़ गयी कड़ी,
श्याम भज ले घड़ी दो घड़ी.......
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