तुझे अपने बाबा पे भरोसा जो होगा,
जो कुछ भी होगा अछा ही होगा,
तुझे अपने बाबा पे भरोसा जो होगा,
कांटे मिले तो शिकायत न करना,
उसकी किरपा से इशारे समझना,
बिगड़ी वो तेरी बनता ही होगा,
जो कुछ भी होगा अछा ही होगा,
ढूंढे गा यो तू तुझे न दिखेगा,
आस पास है वो एहसास होगा,
अँधेरे में दीपक जलाता वो होगा,
जो कुछ भी होगा अछा ही होगा,
इतना समज ले कदम दो बड़ा ले ,
तेरे साथ है वो मन में बिठा ले,
मन में वो बैठा बुलाता ही होगा
जो कुछ भी होगा अछा ही होगा,
विधि का विधान कोई बदलने न पाए,
संवारा जो संग है क्यों गबराये
उजड़ा चमन फिर से सजाता वो होगा,
जो कुछ भी होगा अछा ही होगा,
सहारा तुझे फिर उन्ही से मिलेगा,
इनके सिवा तेरी कोई न सुने गा,
सिर पे वो हाथ तेर फिरता ही होगा,
जो कुछ भी होगा अछा ही होगा,