चल श्याम धनि के द्वार तू मौज करेगा,
जो मिलते मुश्किल से तू रोज करेगा,
चल श्याम धनि के द्वार तू मौज करेगा,
परेशान मन को समजा सँवारे है साथ में,
लेख वो लिखने वाला क्या है तेरे हाथ में,
दुःख मिट जायेगे श्याम जब हाथ धरे गा,
चल श्याम धनि के द्वार तू मौज करेगा,
खोट नहीं जिस मन में उस की ही सुनता वो,
होता वही फिर प्यारे करता कन्हियां जो,
बदले दुनिया सारी वो न बदले गा,
चल श्याम धनि के द्वार तू मौज करेगा,
तड़पा जो मिलने खातिर उसने ही पाया है,
श्याम सँवारे ने खुद में मीरा को समाया है,
राजू पे कर उपकार वो सबसे कहे गा,
चल श्याम धनि के द्वार तू मौज करेगा,