जब टूट जाता हु अपनों के सताने से,
मुझे बुला लिया खाटू बाबा ने बहाने से,
संवारा करता मुझे कितना प्यार,
मेरी आँख के आंसू वो देख न पाया,
मुस्कान चेहरे की वापिस मेरी लाया,
खुश हो गया मेरा दिल इस के समझाने से,
मुझे बुला लिया खाटू बाबा ने बहाने से,
संवारा करता मुझे कितना प्यार,
जैसे ही मैं आया मेरे श्याम के दर पे,
रख दियां प्यार से हाथ बाबा ने मेरे सिर पे,
सौगात दी मुझको अपने खजाने से,
मुझे बुला लिया खाटू बाबा ने बहाने से,
संवारा करता मुझे कितना प्यार,
कुंदन मेरी किस्मत मुझे ऐसा मिला दाता,
तकदीर मेरी ये अपने हाथो से सजाता,
पीछे नहीं हट ता रिश्ता निभाने से,
मुझे बुला लिया खाटू बाबा ने बहाने से,
संवारा करता मुझे कितना प्यार,