साई साई कहते प्राण तन से निकले

साई साई कहते प्राण तन से निकले,
साई साई कहते प्राण तन से निकले,
इतनी आरजू है मुझको साई बाबा मिले,
साई साई कहते प्राण तन से निकले,

बचपन से तुमको चाहा और मैंने पूजा,
तेरी सिवा न और कोई मेरा दूजा,
लाज मेरी तुम रखना एह साई बाबा,
तेरी शिरडी है मेरा कासी और काबा,
शिरडी की भूमि में मेरा दम निकले,
इतनी आरजू है मुझको साई बाबा मिले,
साई साई कहते प्राण तन से निकले,

तेरी फकीरी के साई दीवाने है हम,
साई बाबा के संग है तो क्या है गम,
तू भगतो के सुख दुःख में रहता हर दम,
तेरी रेहमत से मेरी आंखे होती है नम,
तेरी चौकठ से मेरा शव निकले,
इतनी आरजू है मुझको साई बाबा मिले ,
साई साई कहते प्राण तन से निकले,
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