जो भी साईं के दर आया,
दौलत शौहरत सब कुछ पाया,
सबकी झोली भरते साईं,
सबका मालिक एक है साई......
एक दुखयारी शिर्डी आई,
उसके बालक के बदन में ,
विकट बिमारी थी छाई ,
दर दर उसने ठोकर खाई ,
बाबा के शरण में आई,
पल भर में साईं ने उसकी,
सारी विपदा दूर भगाई,
सबका मालिक एक है साईं…..
किसे ने न भगवन को देखा,
मगर शिर्डी देती गवाही,
साईंबाबा को सबके है देखा,
जिसने भी दिल से चाहां,
उसने सब कुछ है पाया,
ग्यारह बचन दिए साइने,
सबको धन्य कर करे साईं,
सबका मालिक एक है साईं…….