खुद से खुद जब मिल जायेगा

खुद से खुद जब मिल जायेगा,
बन जायेगे कांटे फूल,
साई चमन में सुख ही सुख है,
साई लगन को कभी न भूल,
खुद से खुद जब मिल जायेगा,

मत फैलाये इंसान के आगे अपने झोली अपने हाथ,
पाप का चेहरा धूल जायेगा मल उसके चरणों की धूल,
खुद से खुद जब मिल जायेगा,

तेरा चलना तेरा रखना उसकी मर्जी उसका काम,
साई उसकी करे हिफाजत साई को जो करे कबुल,
खुद से खुद जब मिल जायेगा...

बहार की मन मोजी बाते भट काती है मंजिल से,
अंदर है आनंद का झूला मन ही मन ख़ुशी से झूल,
खुद से खुद जब मिल जायेगा,
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