हर पहरा हर दीवार को हम तोड़ के आएंगे,
माँ जब जब तू बुलाएगी,हम दौड़ के आएंगे,
हर पहरा हर दीवार को हम तोड़ के आएंगे,
माँ को तो वो भक्त लगे सब से प्यारे,
जो समजे माँ की महोबत को,
माँ के अंचल की खातिर जो ठुकरा दे जन्नत को,
दुनिया की हम खुशियों को छोड़ के आये गे
हर पहरा हर दीवार को हम तोड़ के आएंगे,
तू दया का सागर है और ममता की गागर,
और हर कश्ती का किनारा है ,
तेरी किरपा की ज्योति से सारे जग में उजियारा है,
तेरे दर पे हम अपने दिल को छोड़ के जायेगे
हर पहरा हर दीवार को हम तोड़ के आएंगे,