सुनते सुनाते तेरे द्वारे मैं तो आ गया,
देखा दरबार तेरा मेरा मन भा गया,
सुना है तेरे दर पे नसीब जग जाते है,
जिसकी कोई सुने न मैया तेरी महिमा पाते है,
निर्धन का धन नाम सहारा,
बिन दर्शन मर जाए गे,
केवल नाम आधार से माइयाँ पापी भी तर जायेगे,
सुनते सुनाते तेरे द्वारे मैं तो आ गया,
हम आये है शरण तिहारी सुन ले आस हमारी माँ,
पर्वत भवन सुनेहरा माँ ने डेरा डाला है,
जिनकी महिमा दुब रही है उनका तू ही सहारा है,
सुनते सुनाते तेरे द्वारे मैं तो आ गया,
मेरी मात भवानी तू जग कल्याणी,
तेरी शरण में आया माँ तेरा सवाली,
उपकार करो माँ भव तार करो,
सब के सपने माँ साकार करो,
सुनते सुनाते तेरे द्वारे मैं तो आ गया,