कर शृंगार चली अलबेली तनक न देरी लगाई मियां,
भक्तो से मिलने आई मैया,
कर शृंगार चली अलबेली तनक न देरी लगाई मियां,
माथे बिंदी नाक नथुनियाँ एरन पहने हजार,
होठो पे लाली चाल निराली भक्तो से मिलने आई मियां,
ठुसी ते दानो और पन्ना को गल विच रहो सुहाए,
चूड़ा छनि बोहटा पहने आखो में कजरा लगाई मियां,
भक्तो से मिलने आई मियां,
तीन थाप को लेहंगा पहने साडी पल्ले धार,
होठो पे लाली चाल निराली भक्तो से मिलने आई माइयाँ,
भक्तो से मिलने आई मियां,