हे अंबे जगदम्बे मैया आयी तेरे द्वारे,
हूं दुखियारी शरण तिहारी रो रो यही पुकारे,
दे दे खिलौना मेरी गोद में,मैया छोटा सा छोना मेरी गोद में,
घर में सासू बांझ कहे,और ससुर मोहे धिक्कारे।
देवरानी मेरी हंसी उड़ावे,देवर ताहना मारे।।
मेरी बिलखती रोती आत्मा करती यही पुकार,दे दे खिलौना ......
आस पड़ोसी मुंह ना देखें,मै हूं बड़ी अभागन।
तरस रहे किलकारी सुनने,दरवाजे और आंगन।।
मा मा कहके कोई पुकारे,मुझको भी एक बार,दे दे खिलौना........
विदा किया बाबुल ने घर से देकर यही दुआएं।
जाओ लली तुम फलियो फुलियो,याद मुझे वो आएं।
सूनी गोद मैं कैसे जाऊं,उस बाबुल के द्वार,दे दे खिलौना.........
मेरी सूनी बगिया में,एक नन्हा फूल खिलादे।
अंधियारे इस जीवन में,एक आस का दीप जलादे।।
बिन संतान के उजड़ रहा है,मेरा ये संसार,दे दे खिलौना.......
अवधेश राणा,मथुरा
6395870827