आए नवरात्रो के दिन हैं,
भवन में हो रही जय जयकार ।
हो रही जय जयकार भवन में,
हो रही जय जयकार ।
लम्बे लम्बे केस मईया के,
अज़ब सुहा रहे हैं ।
आखों में सुरमा होठों पे लाली,
और मुस्का रही है ॥
आए नवरात्रो के दिन हैं भवन में हो रही...
भोली सी सूरत ममता की मूर्त,
दिल में गई है समा ।
घायल कर गई है मईया तो मेरी,
घायल कर गई है ।
आए नवरात्रो के दिन हैं भवन में हो रही...
ऊँचे भवनों पे बैठ मात मेरी,
झोलियाँ भर रही है ।
गले लगा रही है मात मेरी,
गले लगा रही है ।
आए नवरात्रो के दिन हैं भवन में हो रही...
अपलोडर- अनिलरामूर्तिभोपाल