जब से तेरे दर पे आया तूने इतना प्यार लुटाया,
अब तो लगी तुमसे ऐसी लगन,
सुबह शाम गाता हु तेरे भजन,
जीवन की मोह माया में जब कोई दर्द सताता है,
नाम तेरा कुछ पल लेने से दर्द वो काम हो जाता है,
करू तेरे नाम का ही मैं सुमिरन,
सुबह शाम गाता हु तेरे भजन,
तेरे प्यार में हमने मियां ऐसा भाग पाया है,
अपने घर आँगन में तेरा मंदिर एक बनाया है,
हर घडी तुम को हो ही देखे नेयन,
सुबह शाम गाता हु तेरे भजन,
अब तो मैया इस दुनिया में यहाँ कही जाता हु,
हर जगह हर पल ही तुमको अपने संग में पाता हु
सच हो या चाहे हो मेरा भरम,
सुबह शाम गाता हु तेरे भजन,
उल्जन कैसी भी आ जाए बस तुम को ही याद करे,
अपनी हर पीड़ा की अंकुश बस तुमसे ही फर्याद करे,
मूरत वसी तेरी मेरे नेयन,
सुबह शाम गाता हु तेरे भजन,