मैया तुझे पुकारता हूँ मैं
अपना जीवन ये रो रो गुज़ारता हूँ मैं
मै तुझे..............
जबसे होश संभाला मैंने धोखा ही है खाया
जिसको अपना समझा मैंने सबने ही ठुकराया
भीगी अँखियों से तुमको निहारता हूँ मैं
मै तुझे..............
सबका होना चाहा मैंने कोई हुआ ना मेरा
स्वारथ के रिश्तों ने मुझको चारों और से घेरा
झूठे रिश्तों का बोझा उतारता हूँ मैं
मै तुझे..............
नहीं है कोई सहारा मेरा मुझको सहारा दे दो
बीच भंवर में मेरी नैया उसको किनारा दे दो
हूँ अकेला कभी तो महारता हूँ मैं
मै तुझे..............
खोल के मैया तुझको मैंने अपना दिल दिखलाया
अपनी तकलीफों का हरी ने सारा हाल सुनाया
मुझको अपना लो दामन पसारता हूँ मैं
मै तुझे..............