झोपड़ी बृज में बना ली जायेगी

   झोपड़ी बृज़ में,बना ली जायेगी          
   बृज़ की रज़ तंन पे,रमा ली जायेगी
   झोपड़ी बृज़ में बना ली जायेगी
   झोपड़ी....  

  1. शाम प्यारे अब हमारे हो गये,
       अब उन्हीं से लो लगा ली जायेगी              
       बृज़ की रज़ तंन पे,रमा ली जायेगी
       झोपड़ी बृज़ में,बना ली जायेगी          
       बृज़ की रज़ तंन पे,रमा ली जायेगी  
       झोपड़ी....

  2. सोंपा उनको आज से अपना सभी,
        दासी चरणों से लगा ली जायेगी  
        बृज़ की रज़ तंन पे,रमा ली जायेगी
        झोपड़ी बृज़ में,बना ली जायेगी        
        बृज़ की रज़ तंन पे,रमा ली जायेगी        
        झोपड़ी....

  3. बृज़ की गलियों में फिरेंगे झुमते,
        मिठी बन्सीं अब सुनाई आयेगी              
        बृज़ की रज़ तंन पे,रमा ली जायेगी    
        झोपड़ी बृज़ में बना ली जायेगी        
        बृज़ की रज़ तंन पे,रमा ली जायेगी    
        झोपड़ी....      

  4. शाम शामा भी मिलेंगे खेलते,
        झाकीं नैंनो में बसा ली जायेगी              
        बृज़ की रज़ तंन पे,रमा ली जायेगी          
        झोपड़ी बृज़ में,बना ली जायेगी          
        बृज़ की रज़ तंन पे,रमा ली जायेगी        
        झोपड़ी....  

     5. हार आसुं का पहनाया है तुम्हें,
         बिगड़ी किस्मत अब बना ली जायेगी  
         बृज़ की रज़ तंन पे,रमा ली जायेगी
         झोपड़ी बृज़ में,बना ली जायेगी        
         बृज़ की रज़ तंन पे,रमा ली जायेगी
         झोपड़ी....    

             बाबा धसका पागल पानीपत
              संपर्कंसुत्र-7206526000
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