भर जाती सब की झोली माँ के दरबार में,
मेरी माँ से बढ़ कर दूजा न कोई संसार में,
माँ सब की पार है करती नैया मझधार में,
मेरी माँ से बढ़ कर दूजा न कोई संसार में,
शेरोवाली माँ पहाड़ो वाली माँ,
माँ से बढ़ के इस दुनिया में कोई नहीं है और सहारा,
आंबे मैया के चरणों में मिल जाता है सब को किनारा,
निर्धन हो या धनि हो सब लगे कतार में,
मेरी माँ से बढ़ कर दूजा न कोई संसार में,
शेरोवाली पहाड़ो वाली कही दुर्गा है कही माँ काली,
मैया सब की झोली भर्ती कोई ना जाए दर से खाली,
कभी कमी नहीं होते रे माँ के भण्डार में,
मेरी माँ से बढ़ कर दूजा न कोई संसार में,
शेर की कर के आज सवारी शेरोवाली माँ आएगी,
झूमो नाचो गाओ भगतो किस्मत कब की खुल जायेगी,
जो मांगो वही मिलेगा माँ के दरबार में,
मेरी माँ से बढ़ कर दूजा न कोई संसार में,