ढोलक वजदी छेने वजदे गूंज रहे जयकारे,
भंगड़ा पौंदे ने माँ दे भगत प्यारे.....
माँ दे भोले भगता ने आज, रल के जगन रचाया,
जगमग हो रही किना सोहना, माँ दा भवन सजाया,
संगता आईयाँ, देन बधाइयाँ, झूम रहे ने सारे,
भंगड़ा पौंदे ने माँ दे भगत प्यारे,
आदि गणेश मनाके माँ दे, भगता जोत जगाई,
करी बेनती सचे मन नाल, माँ जागे विच आई,
दर्शन करलो, झोल्लिया भरलो, खुल गये ने भंडारे,
भंगड़ा पौंदे ने माँ दे भगत प्यारे....
जगदम्बे ने खोलिया साडी, बदकिस्मत दा ताला,
शर्मा दे नाल घूम रह है, दुर्गा मंडल सारा ,
शेरा वाली, मेहरा वाली, सबदे बेड़े तारे,
भंगड़ा पौंदे ने माँ दे भगत प्यारे,
Pandit Dev Sharma
7589218787