खाटू में मेरा सेठ संवारा रहता है,
सेठ के दर पे रोज खजान बटता है,
पल भर में बनते है सारे बिगड़े काम,
किरपा ऐसी बरसे है बाबे के धाम,
खाटू में मेरा सेठ संवारा रहता है,
कोख में जिस मात के तुमने जन्म पाया,
धन्य उसको कर दियां जग ने सुयश गाया,
एहलवती के लाल तेरी महिमा है न्यारी ,
तेरे दर पे आते है अब लाखो नर नारी,
दुखड़े ये दूर सब के पल में करता है ,
सेठ के दर पे रोज खजान बटता है,
खाटू में मेरा सेठ संवारा रहता है,
श्याम प्रभु से बाँध ले जन्मो का तू बन्धन,
छोड़ दे चिंता सभी ये भर देगा दामन,
कोई हो धन वान या फिर कोई हो निर्धन ,
सब की मुरादे पूरी होती बाबा के आंगन ,
परछाई सा श्याम सदा संग रहता है,
सेठ के दर पे रोज खजान बटता है,
खाटू में मेरा सेठ संवारा रहता है,
दुनिया के झूठे रिश्तो ने बहुत सताया है
किस्मत थी मेरी जो संवारा तुम को पाया है,
श्याम शरण में रख ले मुझको बस इतना कर दे ,
तेरा दर्शन तेरा वंदन झोली भी भर दे,
राजू मुष्किल श्याम से रिश्ता बनता है,
सेठ के दर पे रोज खजान बटता है,
खाटू में मेरा सेठ संवारा रहता है,