तू कतरा तू ही समंदर तू ही आग है,
तू ही मंजर तू है फकीरा तू है कलंदर तू ही बहार तू ही अंदर ,
श्याम मेरी कब लोगे खबरियां,
सखी री मोपे क्या कर गया सांवरियां,
मुरली की धुन मुझको सुना के सुध बुध मेरी बुला के,
श्याम नाम की रत्न लागि अब नहीं जग की खबरियां,
सखी री मोपे क्या कर गया सांवरियां,
कान्हा तेरी मेरी प्रेत पुरानी जो मीन रहे है प्राणी ,
प्रेम दीवानी यही है ठानी आवे ना ही नजरियां,
सखी री मोपे क्या कर गया सांवरियां,