पेशी आ गई तीन पहाड़ पे,
ओ बालाजी मेरी जान बचा ले,
संकट वैरी मेरे ला रेहां से फांसी
लोग करे से देख ले हासी
हो बाला जी क्यों न बंध लगाले
तेरे भरोसे पड़ी ज्योत पे ठोकर खा ले मन्ने बहुत बे
हो बाला जी मेरी जान बचा ले
टूटीया जा से घात मेरा हो सब ने छोड़ेया साथ मेरा हो
हो बाला जी मेरा दर्द बटा ले
पेशी आ गई तीन पहाड़ पे , ओ बालाजी मेरी जान बचा ले
सोनू महाराज तने याद करे से
अशोक भगत तेरा ध्यान धरे से
हो बाला जी मन्ने चरना में ला ले
पेशी आ गई तीन पहाड़ पे , ओ बालाजी मेरी जान बचा ले