हनुमान सा कोई भी बल दाता नहीं है,
उनके चरणों में जो झुक जाता नहीं है,
हनुमान सा कोई भी बल दाता नहीं है,
उनके चरणों में जो झुक जाता नहीं है,
वो कभी निर्भय बनता नहीं है,
वो कभी निर्भय बनता नहीं है,
बजरंग बली को जो कभी ध्याता नहीं है,
महावीर की गुणगाथा जो गाता नहीं है,
वो कभी निर्भय बनता नहीं है,
वो कभी निर्भय बनता नहीं है,
हनुमान सा कोई भी बल दाता नहीं है,
उनके चरणों में क्यों झुक जाता नहीं है।
स्वामी भक्त उन सा हुआ ना है कभी,
स्वामी ने दिये, किये वे काम सभी,
नम्र ही रहे कभी ना गर्व किया,
स्वामी के चरण में ही स्थान लिया,
जो भी उन्हें हर पल याद करे,
उनके सब कष्टों को हनुमान हरे,
हनुमान हरे.....
प्रसाद कोई उनका ठुकराता नहीं है,
प्रसाद कोई उनका ठुकराता नहीं है,
उनके चरणों में जो झुक जाता नहीं है,
वो कभी निर्भय बनता नहीं है,
वो कभी निर्भय बनता नहीं है,
बजरंग बली को जो कभी ध्याता नहीं है,
महावीर की गुणगाथा जो गाता नहीं है,
वो कभी निर्भय बनता नहीं है,
वो कभी निर्भय बनता नहीं है........