बड़े प्रेम से माँ को रिजाता जो होगा,
जो कुछ भी होगा अच्छा ही होगा,
बड़े प्रेम से माँ को रिजाता जो होगा,
कांटे मिले तो शिकायत न करना,
उसकी किरपा के इशारा समझना,
दादी का तुझको इशारा मिलेगा,
जो कुछ भी होगा अच्छा ही होगा,
विधि का विधान कोई बदलने न पाए,
दादी की होके क्यों तू गबराये,
उजाड़ा घरोना पे तेरा वसेरा,
जो कुछ भी होगा अच्छा ही होगा,
सहारा तुझे फिर माँ से मिलेगा,
माँ के सिवा तेरी कोई न सुने गा,
अंधेरो में तेरे दीपक जले गा,
जो कुछ भी होगा अच्छा ही होगा,