दादी थारे दरबार थारो टाबर आयो,
लाल रंग की चुंदड़ी जयपुर ते लायो,
थाने उड़ावन खातिर चन्दड़ी लायो,
लाल रंग की चुंदड़ी जयपुर ते लायो....
चुंदड़ी सितारों जडी मोती चमके,
गोटा और किनारी मैया किरण दमके,
थाने चुंदड़ी उड़ाऊ करो मन चाहयो,
लाल रंग की चुंदड़ी जयपुर ते लायो……..
झुन्झुनू बुलावो म्हाने बारम्बार माँ,
मनडे ने भा गयो प्यारो द्वार माँ,
थारे मन्दिरये के शिखर पे झंडो लहरायो,
लाल रंग की चुंदड़ी जयपुर ते लायो…….
ममता की मूरत म्हारी दादी रानी माँ,
गुण थारो गाऊ करदो पावन वाणी माँ,
पेड़े भोग लगाऊ घर को मावो कड़वायो,
लाल रंग की चुंदड़ी जयपुर ते लायो……..
कृपा का हाथ म्हारे शीश धरईयो,
शक्ति भक्ति देके माँ निहाल करियो,
भूलन हरीश ने सेवा में चित लायो,
लाल रंग की चुंदड़ी जयपुर ते लायो…….