आज थारे भगता ने मैया नानातो भर भर के झोली हाथा से बांटो,
सारो जग भोले तने दादी तू ही सेठानी है तू ही महारानी है तू ही राजरानी,
बाँट रही अलग अलग नाम से तू ही माँ दुर्गा है तू ही माँ काली है तू ही माँ भवानी,
तेरे हाथा में ही माँ सबको खातों,
भर भर के झोली हाथा से बांटो.......
दादी को माल पोता खावे है साँची बोलू हु इसलिए डोलू हु दर पे मावड़ी,
तू न खजानो क्यों न लुटावे है मासे छुपावे है क्यों न दिखवाए है माने मावड़ी,
थारे दर पे दादी जी क्या है घाटों,
भर भर के झोली हाथा से बांटो....
देख लिया सेठ मोटा मोटा शीश झुकावे है भोग लगावे है दर तेरे आके,
पीछो तेरा छोड़ा को ना ही दादी लूट मचवा गए सगळा ले ज्वागे भगता के आगे,
श्याम कहे सगळा ही झंझट ने काटो,
भर भर के झोली हाथा से बांटो