दुःख का जब बादल छावे कोई न धीर बंधावे,
हिवड़े लगावे दादी चाव से माहने,
आफत जब आवे माह में सब नजर मोड़े जी,
झूठा दुनिया का रिश्ता पल भर में तोड़े जी,
दादी जी सु प्रेम पुराना महाने हर कदम निभानो हिवड़े लगावै दादी चाव से,
दुःख का जब बादल छावे कोई न धीर बंधावे,
हिवड़े लगावे दादी चाव से माहने,
आवे आनंद है माहने गुण थारा गावा जी,
पलका जब खोला ठाका दर्शन मैं पावा जी,
याद ली आवे माहने हिचका सतावे माहने,
हिवड़े लगावै दादी चाव से,
घर घर में डंका बाजे सब मंगल गावे जी,
भगता की लाज बचावण दादी खुद आवे जी,
सोइ चिंता न कोई जाएगी तकदीर है सोइ,
हिवड़े लगावे दादी चाव से,